श्री बद्रीनाथ टूर्स एंड ट्रेवल्स,(Shree Badrinath Tours & Travels), मुम्बई, वैसे तो मुंबई में गत 5-6 साल से कार्यरत है, लेकिन इसकी जानकारी बहुत ज्यादा लोगों को नहीं है। उत्तराखंड के लिए टूरिज़म को और सुचारु रूप से बढ़ाने के लिए हमने एक वैबसाइट बनाई है। अतः आज, शनिवार 22 अगस्त 2020 को श्री गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर, हम श्री बद्रिनाथ टूर्स एंड ट्रेवल्स, (Shree Badrinath Tours & Travels), मुम्बई, के वेबसाइट https://www.shreebadrinath.com का लोकार्पण कर रहे हैं।
कोविड -१९ की महामारी के कारण लॉकडाउन की स्थिति होने के कारण वेबसाइट का लोकार्पण ओंन लाइन ही किया गया. लोकार्पण इवेंट में हमारे बहुत से हितेशी ऑन लाइन मौजूद थे, लेकिन लोकार्पण प्रमुखतः आदरणीय श्री माधवानंद भट्ट जी के कर कमलों द्वारा किया गया. इस ऑन लाइन लोकार्पण में बहुत से महानुभाव सामिल हुवे जैसे सर्वश्री हरी मृदुल पाण्डेय,( उप संपादक नव भारत टाइम्स – मुम्बई ) , केशर सिंह बिष्ट – (नव भारत मुम्बई), गोपाल सिंह मेहरा (अध्यक्ष – उत्तरांचल मित्र मंडल वसई रोड (बदरीनाथ मन्दिर कमिटी)), नरेश नैलवाल – उत्तरांचल मित्र मंडल वसई रोड, श्री नरेश नैलवाल, (कमेटी मेंबर- -बद्रीनाथ मन्दिर कमिटी ) श्री गोपाल सिंह कार्की (कमिटी मेंबर), श्रीमती बसंती देवी नैलवाल (शर्मा) ( कमिटी मेंबर) श्री जय सभापति जी (सलाहकार मंडल के सदस्य). इनके अलावा और भी बहुत से लोगों ने इस मीटिंग में भाग लिया. मैं, महेश चन्द्र नैलवाल आप सभी लोगों का दिल से आभार प्रदर्शन करता हूं क्योंकि आप लोगों ने अ-अपना अमूल्य समय निकाल कर इस कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हुवे . आप मीटिंग शामिल हुवे. पुनःआप सभी लोगों को दिल से आभार, बहुत-बहुत धन्यवाद.
इस शुभ दिन के अवसर पर लोकार्पण करने का मकसद यह है कि हम मुम्बई महाराष्ट्र, संत भूमि, से देवभूमि उत्तराखंड के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने के कार्य में सहायक हो सकें। हमारा मुख्य ध्येय है कि हम महाराष्ट्र की जनता को उत्तराखंड के तीर्थ स्थानों, जैसे श्री बद्रीनाथ धाम, श्री केदारनाथ धाम, श्री गंगोत्री धाम, श्री यमुनोत्री धाम, ये जो उत्तराखंड के मुख्य चार धाम हैं – उनकी यात्रा कराने में सहायक बनें। महाराष्ट्र एक सुशिक्षित और सम्पन्न प्रदेश है और यहाँ के लोग भी उत्तराखंड के लोगों की ही तरह, सरल हें। यहाँ के बहुत से लोग उत्तराखंड पर्यटन के लिए जाना चाहते हैं, लेकिन अधिकांक्ष लोगों को इसकी ठीक-ठीक जानकारी नहीं होती है, अतः हमारा ध्येय यह है की हम इन तीर्थ स्थानों के बारे में यात्रियों को सही सही जानकारी दें और उन्हें समय समय पर उचित गाइडेंस देते हुवे सहायता प्रदान करते रहें। हम इन तीर्थ स्थानों के बारे में, समय समय पर लेटैस्ट जानकारी पब्लिश करते रहेंगे, जैसे वहाँ कब और कैसे जाना चाहिए, कहाँ ठहरना चाहिए, वहाँ का मौषम कैसा है, वहाँ की लोकल कौन-कौन सी प्रशिद्ध चीजों का स्वाद लेना चाहिए, व अन्य भी कई सुझाव देते रहेंगे जो पर्यटकों को उपयोगी होंगे।
ये वैबसाइट सिर्फ ट्रावेल्स के बारे में ही नहीं, अपितु एक कोम्पोजीट वैबसाइट है, जिसमें ट्रावेल्स की जानकारी के अलावा , धार्मिक ज्ञान, ज्योतिष शास्त्र, स्वाध्याय, स्वास्थ, योग और आयुर्वेद की ब्रहद जानकारी दी जाएगी। उत्तरांचल मित्र मण्डल- वसई रोड द्वारा, वसई – मुंबई, महाराष्ट्र में निर्माणाधीन – भगवान श्री बद्रीनाथ जी के मंदिर व मानव कल्याण केंद्र के बारे में भी समय समय पर उचित अपडेट्स से भी अवगत कराते रहेंगे।
जिन यात्रियों को सहायता की जरूरत है, वे हमें संपर्क कर सकते हैं, हम उन्हें अच्छे ढंग से निशुल्क गाइड करेंगे।वैबसाइट में पूरा वर्णन दिया गया है की आप उत्तराखंड में धार्मिक तीर्थ यात्राओं के अलावा अन्य भी बहुत प्रकार का पर्यटन कर सकते हैं जिससे आप अपने जीवन में तरो ताजगी ला सकते हें।
पवित्र तीर्थ स्थानों के अलावा उत्तराखंड में बहुत से बड़े बड़े पर्वत हैं, घने जंगल हैं, फूलों की घाटियां हैं, सुंदर बन है, तालाब हें, घाटियाँ हें, ट्रैकिंग के लिए पर्वत शिखर हें, सुंदर हिमालय है, जिन्हें देखने से, वहाँ घूमने से प्रयटकों को, स्पेशल्ली जो प्रकृति प्रेमी हैं, उन्हें बहुत अच्छा लगता है। उत्तराखंड से ही भारत की पवित्र, मोक्षदायिनी, माँ गंगा नदी, गंगोत्री-हिमनद क्षेत्र के गौमुख स्थान से निकली है। गंगा का प्रारम्भ अलकनंदा व भागीरथी नदियों से होता है। यमुना नदी का उद्गम उत्तराखंड के यमुनोत्री हिमनद क्षेत्र से हुआ है। सरस्वती नदी का उद्गम भी उत्तराखंड के शिवालिक पर्वतमाला हिमालय से ही हुआ है। उत्तराखंड में ही भगवान वेदव्यास जी ने हिन्दू धर्म के आधार स्तम्भ वेदों और पुराणों की रचना की थी। भगवान श्री गणेश जी ने इन वेदों –पुराणों को लिपिबद्ध किया था। इसीलिए तो उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है। इसकी नैशर्गिक आभा को देखते हुवे इसे स्वर्गातुल्य देव भूमि उत्तराखंड कहते हें।
कोरोना महामारी की वजह से अभी तीर्थ यात्राओं पर थोड़ा प्रतिबंध है, जो स्तिथि सुधरने पर, जल्दी ही उठ जाएगा, ऐसा हमें विश्वास है। इसके बारे में हम समय समय पर अवगत कराते रहेंगे।
वैबसाइट में, अभी उपरोक्त दर्शाये कार्यों में संगलङ्ग्न, मुंबई निवासी, उत्तराखंड समाज के कुछ अग्रणी लोगों का ही नाम दिया गया है, लेकिन जैसे जैसे लोग जुडते जाएंगे, अन्य लोगों के नाम भी सहयोगियों के रूप में जुडते जाएंगे।
अभी पहले सूची में सर्व श्री माधवानन्द भट्ट जी, महेश भट्ट जी, नंदन अकोलिया जी, दिनेश अकोलिया जी, गणेश अकोलिया जी, शंकर अकोलिया जी, हरीमृदुल जी, केशर सिंह बिष्ट जी, दीदी कुसुम लता गुसाईं जी, दीदी जया बिष्ट जी, के अलावा गोपाल सिंह मेहरा जी, नरेश चन्द्र नैलवाल जी, ख्याली दत्त नैलवाल जी, गोपाल सिंह कार्की जी, राकेश रावत जी, दीदी बसंती नैलवाल जी ने इस वैंचर में पूर्ण रूप से एक्टिव रह के मार्ग दर्शन व सहयोग का आस्वासन दिया है – हम उनके तहे दिल से आभारी हें ।
आजकल कोरोना महामारी के समय को देखते हुवे, हम इस वेब साइट को आदरणीय श्री माधवानंद भट्ट जी के कर कमलों से, आज शनिवार, 22 अगस्त 2020, को श्री गणपती जयंती के सुभ अवसर पर ऑनलाइन ही लोकार्पण किया जा रहा है। हमें खेद है की हम इस अवसर पर बड़ा कार्यक्रम नहीं कर पाये और हमारे परिचित महानुभावों को आमंत्रित नहीं कर पाये – क्षमा याचना।
वैबसाइट को पाठकों के लिए रुचिकर, उत्तम व उपयोगी बनाने के लिए आपकी टीका-टिपणी, सकारात्मक सुझाव, सहयोग के रूप में सादर आमंत्रित हें। हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है की हमें हमारे रुचिकर पाठकों का पूर्ण सहयोग मिलेगा।
।। जय बदरी विशाल ।।
महेश चन्द्र नैलवाल
9518322708 / 9867797316
ईमेल:mnailwal72@gmail.com /
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