विधि :- मार्जारि आसन में आइये । हाथों को लगभग १८ इंच दूर – दूर रखिये । बिना हाथों को हटाए हुए , सीने से फर्श स्पर्श करते हुए उसे आगे की तरफ तब तक लेते जाइये जब तक वह हाथों की सीध में न आ जाय । हाथों को सीधा करते हुए तथा आमाशय को जमीन से लगाते हुए , सीने को और आगे व ऊपर की ओर कीजिये । बनाते इस स्थिति में पीठ धनुषाकार बनाते हुए , सिर को पीछे की ओर झुकाना चाहिए । धीरे – धीरे पीठ को ऊपर की ओर धनुषाकार हुए सिर तथा पूरे शरीर को पीछे की ओर ले जाते हुए , शशांकासन की स्थिति में आ जाइये । कुछ क्षण इस स्थिति में रहकर , जाँघों व भुजाओं को सीधा करते हुए मार्जारि आसन में वापस आ जाइये ।
श्वास
मार्जारि आसन में सामान्य । भुजंगासन में सामने जाते हुए श्वास लीजिये । शशांकासन में लौटते समय श्वास छोड़िये ।
समय
इस आसन को १० बार करें ।
लाभ
महिलाओं की प्रजनन प्रणाली , आमाशय , पेट , लीवर तथा साइटिका एवं स्लिप डिस्क में लाभप्रद है ।