मानव शरीर को क्यों कहा जाता है देवालय

भगवान ने ब्रह्माण्ड रूपी शरीर बनाया और समस्त देवता आकर इसमें स्थित हो गए; किन्तु तब भी ब्रह्माण्ड में चेतना नहीं आई और वह विराट् पुरुष उठा नहीं । किंतु…

प्रणामासन

विधि : – वज्रासन में बैठ जाइये । रीढ़ सीधी और हाथ घुटनों पर अपने हाथों से नीचे की तरफ से पिण्डलियों के नीचे के भाग को पकड़िये । सामने…

शशांक भुजंगासन

विधि :- मार्जारि आसन में आइये । हाथों को लगभग १८ इंच दूर – दूर रखिये । बिना हाथों को हटाए हुए , सीने से फर्श स्पर्श करते हुए उसे…

ज्ञान मुद्रा और चिन्मुद्रा

हजारों वर्ष पूर्व भारत में अधिकांश व्यक्तियों , विशेषकर ज्ञान या की खोज करने वाले सच्चे जिज्ञासुओं को , आसन , प्राणायाम आदि योगाभ्यासों की विद्या सरलता से प्राप्त हो…

उड्डियान बन्ध

विधि :- ध्यान के किसी आसन में बैठिये । घुटने भूमि पर आधारित हों । हथेलियों को घुटनों पर रखिये । दीर्घ रेचक कीजिये । बहिर्कुम्भक लगाइये । जालन्धर बन्ध…